ترجمة سورة الفاتحة

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ 1

अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है।

الْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ 2

तारीफ़ अल्लाह ही के लिये है जो तमाम क़ायनात का रब है।

الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ 3

रहमान और रहीम है।

مَالِكِ يَوْمِ الدِّينِ 4

रोज़े जज़ा का मालिक है।

إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ 5

हम तेरी ही इबादत करते हैं, और तुझ ही से मदद मांगते है।

اهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيمَ 6

हमें सीधा रास्ता दिखा।

صِرَاطَ الَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّالِّينَ 7

उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम फ़रमाया, जो माअतूब नहीं हुए, जो भटके हुए नहीं है।