ترجمة سورة القارعة

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

الْقَارِعَةُ 1

खड़खड़ाने वाली

مَا الْقَارِعَةُ 2

वह खड़खड़ाने वाली क्या है

وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْقَارِعَةُ 3

और तुम को क्या मालूम कि वह खड़खड़ाने वाली क्या है

يَوْمَ يَكُونُ النَّاسُ كَالْفَرَاشِ الْمَبْثُوثِ 4

जिस दिन लोग (मैदाने हश्र में) टिड्डियों की तरह फैले होंगे

وَتَكُونُ الْجِبَالُ كَالْعِهْنِ الْمَنْفُوشِ 5

और पहाड़ धुनकी हुई रूई के से हो जाएँगे

فَأَمَّا مَنْ ثَقُلَتْ مَوَازِينُهُ 6

तो जिसके (नेक आमाल) के पल्ले भारी होंगे

فَهُوَ فِي عِيشَةٍ رَاضِيَةٍ 7

वह मन भाते ऐश में होंगे

وَأَمَّا مَنْ خَفَّتْ مَوَازِينُهُ 8

और जिनके आमाल के पल्ले हल्के होंगे

فَأُمُّهُ هَاوِيَةٌ 9

तो उनका ठिकाना न रहा

وَمَا أَدْرَاكَ مَا هِيَهْ 10

और तुमको क्या मालूम हाविया क्या है

نَارٌ حَامِيَةٌ 11

वह दहकती हुई आग है