ترجمة سورة الهمزة

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَيْلٌ لِكُلِّ هُمَزَةٍ لُمَزَةٍ 1

हर ताना देने वाले चुग़लख़ोर की ख़राबी है

الَّذِي جَمَعَ مَالًا وَعَدَّدَهُ 2

जो माल को जमा करता है और गिन गिन कर रखता है

يَحْسَبُ أَنَّ مَالَهُ أَخْلَدَهُ 3

वह समझता है कि उसका माल उसे हमेशा ज़िन्दा बाक़ी रखेगा

كَلَّا ۖ لَيُنْبَذَنَّ فِي الْحُطَمَةِ 4

हरगिज़ नहीं वह तो ज़रूर हुतमा में डाला जाएगा

وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْحُطَمَةُ 5

और तुमको क्या मालूम हतमा क्या है

نَارُ اللَّهِ الْمُوقَدَةُ 6

वह ख़ुदा की भड़काई हुई आग है जो (तलवे से लगी तो) दिलों तक चढ़ जाएगी

الَّتِي تَطَّلِعُ عَلَى الْأَفْئِدَةِ 7

ये लोग आग के लम्बे सुतूनो

إِنَّهَا عَلَيْهِمْ مُؤْصَدَةٌ 8

में डाल कर बन्द कर दिए

فِي عَمَدٍ مُمَدَّدَةٍ 9

जाएँगे