ترجمة سورة الفيل

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

أَلَمْ تَرَ كَيْفَ فَعَلَ رَبُّكَ بِأَصْحَابِ الْفِيلِ 1

ऐ रसूल क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे परवरदिगार ने हाथी वालों के साथ क्या किया

أَلَمْ يَجْعَلْ كَيْدَهُمْ فِي تَضْلِيلٍ 2

क्या उसने उनकी तमाम तद्बीरें ग़लत नहीं कर दीं (ज़रूर)

وَأَرْسَلَ عَلَيْهِمْ طَيْرًا أَبَابِيلَ 3

और उन पर झुन्ड की झुन्ड चिड़ियाँ भेज दीं

تَرْمِيهِمْ بِحِجَارَةٍ مِنْ سِجِّيلٍ 4

जो उन पर खरन्जों की कंकरियाँ फेकती थीं

فَجَعَلَهُمْ كَعَصْفٍ مَأْكُولٍ 5

तो उन्हें चबाए हुए भूस की (तबाह) कर दिया