ترجمة سورة الماعون

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

أَرَأَيْتَ الَّذِي يُكَذِّبُ بِالدِّينِ 1

क्या तुमने उस शख़्श को भी देखा है जो रोज़ जज़ा को झुठलाता है

فَذَٰلِكَ الَّذِي يَدُعُّ الْيَتِيمَ 2

ये तो वही (कम्बख्त) है जो यतीम को धक्के देता है

وَلَا يَحُضُّ عَلَىٰ طَعَامِ الْمِسْكِينِ 3

और मोहताजों को खिलाने के लिए (लोगों को) आमादा नहीं करता

فَوَيْلٌ لِلْمُصَلِّينَ 4

तो उन नमाज़ियों की तबाही है

الَّذِينَ هُمْ عَنْ صَلَاتِهِمْ سَاهُونَ 5

जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल रहते हैं

الَّذِينَ هُمْ يُرَاءُونَ 6

जो दिखाने के वास्ते करते हैं

وَيَمْنَعُونَ الْمَاعُونَ 7

और रोज़मर्रा की मालूली चीज़ें भी आरियत नहीं देते