ترجمة سورة الطارق

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَالسَّمَاءِ وَالطَّارِقِ 1

आसमान और रात को आने वाले की क़सम

وَمَا أَدْرَاكَ مَا الطَّارِقُ 2

और तुमको क्या मालूम रात को आने वाला क्या है

النَّجْمُ الثَّاقِبُ 3

(वह) चमकता हुआ तारा है

إِنْ كُلُّ نَفْسٍ لَمَّا عَلَيْهَا حَافِظٌ 4

(इस बात की क़सम) कि कोई शख़्श ऐसा नहीं जिस पर निगेहबान मुक़र्रर नहीं

فَلْيَنْظُرِ الْإِنْسَانُ مِمَّ خُلِقَ 5

तो इन्सान को देखना चाहिए कि वह किस चीज़ से पैदा हुआ हैं

خُلِقَ مِنْ مَاءٍ دَافِقٍ 6

वह उछलते हुए पानी (मनी) से पैदा हुआ है

يَخْرُجُ مِنْ بَيْنِ الصُّلْبِ وَالتَّرَائِبِ 7

जो पीठ और सीने की हड्डियों के बीच में से निकलता है

إِنَّهُ عَلَىٰ رَجْعِهِ لَقَادِرٌ 8

बेशक ख़ुदा उसके दोबारा (पैदा) करने पर ज़रूर कुदरत रखता है

يَوْمَ تُبْلَى السَّرَائِرُ 9

जिस दिन दिलों के भेद जाँचे जाएँगे

فَمَا لَهُ مِنْ قُوَّةٍ وَلَا نَاصِرٍ 10

तो (उस दिन) उसका न कुछ ज़ोर चलेगा और न कोई मददगार होगा

وَالسَّمَاءِ ذَاتِ الرَّجْعِ 11

चक्कर (खाने) वाले आसमान की क़सम

وَالْأَرْضِ ذَاتِ الصَّدْعِ 12

और फटने वाली (ज़मीन की क़सम)

إِنَّهُ لَقَوْلٌ فَصْلٌ 13

बेशक ये क़ुरान क़ौले फ़ैसल है

وَمَا هُوَ بِالْهَزْلِ 14

और लग़ो नहीं है

إِنَّهُمْ يَكِيدُونَ كَيْدًا 15

बेशक ये कुफ्फ़ार अपनी तदबीर कर रहे हैं

وَأَكِيدُ كَيْدًا 16

और मैं अपनी तद्बीर कर रहा हूँ

فَمَهِّلِ الْكَافِرِينَ أَمْهِلْهُمْ رُوَيْدًا 17

तो काफ़िरों को मोहलत दो बस उनको थोड़ी सी मोहलत दो