ترجمة سورة البلد

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

لَا أُقْسِمُ بِهَٰذَا الْبَلَدِ 1

मुझे इस शहर (मक्का) की कसम

وَأَنْتَ حِلٌّ بِهَٰذَا الْبَلَدِ 2

और तुम इसी शहर में तो रहते हो

وَوَالِدٍ وَمَا وَلَدَ 3

और (तुम्हारे) बाप (आदम) और उसकी औलाद की क़सम

لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ فِي كَبَدٍ 4

हमने इन्सान को मशक्क़त में (रहने वाला) पैदा किया है

أَيَحْسَبُ أَنْ لَنْ يَقْدِرَ عَلَيْهِ أَحَدٌ 5

क्या वह ये समझता है कि उस पर कोई काबू न पा सकेगा

يَقُولُ أَهْلَكْتُ مَالًا لُبَدًا 6

वह कहता है कि मैने अलग़ारों माल उड़ा दिया

أَيَحْسَبُ أَنْ لَمْ يَرَهُ أَحَدٌ 7

क्या वह ये ख्याल रखता है कि उसको किसी ने देखा ही नहीं

أَلَمْ نَجْعَلْ لَهُ عَيْنَيْنِ 8

क्या हमने उसे दोनों ऑंखें और ज़बान

وَلِسَانًا وَشَفَتَيْنِ 9

और दोनों लब नहीं दिए (ज़रूर दिए)

وَهَدَيْنَاهُ النَّجْدَيْنِ 10

और उसको (अच्छी बुरी) दोनों राहें भी दिखा दीं

فَلَا اقْتَحَمَ الْعَقَبَةَ 11

फिर वह घाटी पर से होकर (क्यों) नहीं गुज़रा

وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْعَقَبَةُ 12

और तुमको क्या मालूम कि घाटी क्या है

فَكُّ رَقَبَةٍ 13

किसी (की) गर्दन का (गुलामी या कर्ज से) छुड़ाना

أَوْ إِطْعَامٌ فِي يَوْمٍ ذِي مَسْغَبَةٍ 14

या भूख के दिन रिश्तेदार यतीम या ख़ाकसार

يَتِيمًا ذَا مَقْرَبَةٍ 15

मोहताज को

أَوْ مِسْكِينًا ذَا مَتْرَبَةٍ 16

खाना खिलाना

ثُمَّ كَانَ مِنَ الَّذِينَ آمَنُوا وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ وَتَوَاصَوْا بِالْمَرْحَمَةِ 17

फिर तो उन लोगों में (शामिल) हो जाता जो ईमान लाए और सब्र की नसीहत और तरस खाने की वसीयत करते रहे

أُولَٰئِكَ أَصْحَابُ الْمَيْمَنَةِ 18

यही लोग ख़ुश नसीब हैं

وَالَّذِينَ كَفَرُوا بِآيَاتِنَا هُمْ أَصْحَابُ الْمَشْأَمَةِ 19

और जिन लोगों ने हमारी आयतों से इन्कार किया है यही लोग बदबख्त हैं

عَلَيْهِمْ نَارٌ مُؤْصَدَةٌ 20

कि उनको आग में डाल कर हर तरफ से बन्द कर दिया जाएगा