ترجمة سورة التين

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَالتِّينِ وَالزَّيْتُونِ 1

इन्जीर और ज़ैतून की क़सम

وَطُورِ سِينِينَ 2

और तूर सीनीन की

وَهَٰذَا الْبَلَدِ الْأَمِينِ 3

और उस अमन वाले शहर (मक्का) की

لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ فِي أَحْسَنِ تَقْوِيمٍ 4

कि हमने इन्सान बहुत अच्छे कैड़े का पैदा किया

ثُمَّ رَدَدْنَاهُ أَسْفَلَ سَافِلِينَ 5

फिर हमने उसे (बूढ़ा करके रफ्ता रफ्ता) पस्त से पस्त हालत की तरफ फेर दिया

إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَلَهُمْ أَجْرٌ غَيْرُ مَمْنُونٍ 6

मगर जो लोग ईमान लाए और अच्छे (अच्छे) काम करते रहे उनके लिए तो बे इन्तेहा अज्र व सवाब है

فَمَا يُكَذِّبُكَ بَعْدُ بِالدِّينِ 7

तो (ऐ रसूल) इन दलीलों के बाद तुमको (रोज़े) जज़ा के बारे में कौन झुठला सकता है

أَلَيْسَ اللَّهُ بِأَحْكَمِ الْحَاكِمِينَ 8

क्या ख़ुदा सबसे बड़ा हाकिम नहीं है (हाँ ज़रूर है)