ترجمة سورة يونس الآية 4

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

إِلَيْهِ مَرْجِعُكُمْ جَمِيعًا ۖ وَعْدَ اللَّهِ حَقًّا ۚ إِنَّهُ يَبْدَأُ الْخَلْقَ ثُمَّ يُعِيدُهُ لِيَجْزِيَ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ بِالْقِسْطِ ۚ وَالَّذِينَ كَفَرُوا لَهُمْ شَرَابٌ مِنْ حَمِيمٍ وَعَذَابٌ أَلِيمٌ بِمَا كَانُوا يَكْفُرُونَ 4

तुम सबको (आख़िर) उसी की तरफ लौटना है ख़ुदा का वायदा सच्चा है वही यक़ीनन मख़लूक को पहली मरतबा पैदा करता है फिर (मरने के बाद) वही दुबारा जिन्दा करेगा ताकि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उनको इन्साफ के साथ जज़ाए (ख़ैर) अता फरमाएगा और जिन लोगों ने कुफ्र एख्तियार किया उन के लिए उनके कुफ्र की सज़ा में पीने को खौलता हुआ पानी और दर्दनाक अज़ाब होगा