ترجمة سورة يونس الآية 49

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

قُلْ لَا أَمْلِكُ لِنَفْسِي ضَرًّا وَلَا نَفْعًا إِلَّا مَا شَاءَ اللَّهُ ۗ لِكُلِّ أُمَّةٍ أَجَلٌ ۚ إِذَا جَاءَ أَجَلُهُمْ فَلَا يَسْتَأْخِرُونَ سَاعَةً ۖ وَلَا يَسْتَقْدِمُونَ 49

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मै खुद अपने वास्ते नुकसान पर क़ादिर हूँ न नफा पर मगर जो ख़ुदा चाहे हर उम्मत (के रहने) का (उसके इल्म में) एक वक्त मुक़र्रर है-जब उन का वक्त आ जाता है तो न एक घड़ी पीछे हट सकती हैं और न आगे बढ़ सकते हैं