ترجمة سورة النحل الآية 93

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَلَوْ شَاءَ اللَّهُ لَجَعَلَكُمْ أُمَّةً وَاحِدَةً وَلَٰكِنْ يُضِلُّ مَنْ يَشَاءُ وَيَهْدِي مَنْ يَشَاءُ ۚ وَلَتُسْأَلُنَّ عَمَّا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ 93

और अगर ख़ुदा चाहता तो तुम सबको एक ही (किस्म के) गिरोह बना देता मगर वह तो जिसको चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिसकी चाहता है हिदायत करता है और जो कुछ तुम लोग दुनिया में किया करते थे उसकी बाज़ पुर्स (पुछ गछ) तुमसे ज़रुर की जाएगी