ترجمة سورة الإسراء الآية 23

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَقَضَىٰ رَبُّكَ أَلَّا تَعْبُدُوا إِلَّا إِيَّاهُ وَبِالْوَالِدَيْنِ إِحْسَانًا ۚ إِمَّا يَبْلُغَنَّ عِنْدَكَ الْكِبَرَ أَحَدُهُمَا أَوْ كِلَاهُمَا فَلَا تَقُلْ لَهُمَا أُفٍّ وَلَا تَنْهَرْهُمَا وَقُلْ لَهُمَا قَوْلًا كَرِيمًا 23

और तुम्हारे परवरदिगार ने तो हुक्म ही दिया है कि उसके सिवा किसी दूसरे की इबादत न करना और माँ बाप से नेकी करना अगर उनमें से एक या दोनों तेरे सामने बुढ़ापे को पहुँचे (और किसी बात पर खफा हों) तो (ख़बरदार उनके जवाब में उफ तक) न कहना और न उनको झिड़कना और जो कुछ कहना सुनना हो तो बहुत अदब से कहा करो