ترجمة سورة البقرة الآية 232

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَإِذَا طَلَّقْتُمُ النِّسَاءَ فَبَلَغْنَ أَجَلَهُنَّ فَلَا تَعْضُلُوهُنَّ أَنْ يَنْكِحْنَ أَزْوَاجَهُنَّ إِذَا تَرَاضَوْا بَيْنَهُمْ بِالْمَعْرُوفِ ۗ ذَٰلِكَ يُوعَظُ بِهِ مَنْ كَانَ مِنْكُمْ يُؤْمِنُ بِاللَّهِ وَالْيَوْمِ الْآخِرِ ۗ ذَٰلِكُمْ أَزْكَىٰ لَكُمْ وَأَطْهَرُ ۗ وَاللَّهُ يَعْلَمُ وَأَنْتُمْ لَا تَعْلَمُونَ 232

और जब तुम औरतों को तलाक़ दो और वह अपनी मुद्दत (इद्दत) पूरी कर लें तो उन्हें अपने शौहरों के साथ निकाह करने से न रोकों जब आपस में दोनों मिया बीवी शरीयत के मुवाफिक़ अच्छी तरह मिल जुल जाएँ ये उसी शख्स को नसीहत की जाती है जो तुम में से ख़ुदा और रोजे आखेरत पर ईमान ला चुका हो यही तुम्हारे हक़ में बड़ी पाकीज़ा और सफ़ाई की बात है और उसकी ख़ूबी ख़ुदा खूब जानता है और तुम (वैसा) नहीं जानते हो