ترجمة سورة البقرة الآية 41

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَآمِنُوا بِمَا أَنْزَلْتُ مُصَدِّقًا لِمَا مَعَكُمْ وَلَا تَكُونُوا أَوَّلَ كَافِرٍ بِهِ ۖ وَلَا تَشْتَرُوا بِآيَاتِي ثَمَنًا قَلِيلًا وَإِيَّايَ فَاتَّقُونِ 41

और जो (कुरान) मैंने नाज़िल किया वह उस किताब (तौरेत) की (भी) तसदीक़ करता हूँ जो तुम्हारे पास है और तुम सबसे चले उसके इन्कार पर मौजूद न हो जाओ और मेरी आयतों के बदले थोड़ी क़ीमत (दुनयावी फायदा) न लो और मुझ ही से डरते रहो