ترجمة سورة طه الآية 77

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَلَقَدْ أَوْحَيْنَا إِلَىٰ مُوسَىٰ أَنْ أَسْرِ بِعِبَادِي فَاضْرِبْ لَهُمْ طَرِيقًا فِي الْبَحْرِ يَبَسًا لَا تَخَافُ دَرَكًا وَلَا تَخْشَىٰ 77

और हमने मूसा के पास ''वही'' भेजी कि मेरे बन्दों (बनी इसराइल) को (मिस्र से) रातों रात निकाल ले जाओ फिर दरिया में (लाठी मारकर) उनके लिए एक सूखी राह निकालो और तुमको पीछा करने का न कोई खौफ़ रहेगा न (डूबने की) कोई दहशत