ترجمة سورة النور الآية 4

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَالَّذِينَ يَرْمُونَ الْمُحْصَنَاتِ ثُمَّ لَمْ يَأْتُوا بِأَرْبَعَةِ شُهَدَاءَ فَاجْلِدُوهُمْ ثَمَانِينَ جَلْدَةً وَلَا تَقْبَلُوا لَهُمْ شَهَادَةً أَبَدًا ۚ وَأُولَٰئِكَ هُمُ الْفَاسِقُونَ 4

और जो लोग पाक दामन औरतों पर (ज़िना की) तोहमत लगाएँ फिर (अपने दावे पर) चार गवाह पेश न करें तो उन्हें अस्सी कोड़ें मारो और फिर (आइन्दा) कभी उनकी गवाही कुबूल न करो और (याद रखो कि) ये लोग ख़ुद बदकार हैं