ترجمة سورة النور الآية 51

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

إِنَّمَا كَانَ قَوْلَ الْمُؤْمِنِينَ إِذَا دُعُوا إِلَى اللَّهِ وَرَسُولِهِ لِيَحْكُمَ بَيْنَهُمْ أَنْ يَقُولُوا سَمِعْنَا وَأَطَعْنَا ۚ وَأُولَٰئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ 51

ईमानदारों का क़ौल तो बस ये है कि जब उनको ख़ुदा और उसके रसूल के पास बुलाया जाता है ताकि उनके बाहमी झगड़ों का फैसला करो तो कहते हैं कि हमने (हुक्म) सुना और (दिल से) मान लिया और यही लोग (आख़िरत में) कामयाब होने वाले हैं