ترجمة سورة القصص الآية 48

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

فَلَمَّا جَاءَهُمُ الْحَقُّ مِنْ عِنْدِنَا قَالُوا لَوْلَا أُوتِيَ مِثْلَ مَا أُوتِيَ مُوسَىٰ ۚ أَوَلَمْ يَكْفُرُوا بِمَا أُوتِيَ مُوسَىٰ مِنْ قَبْلُ ۖ قَالُوا سِحْرَانِ تَظَاهَرَا وَقَالُوا إِنَّا بِكُلٍّ كَافِرُونَ 48

मगर फिर जब हमारी बारगाह से (दीन) हक़ उनके पास पहुँचा तो कहने लगे जैसे (मौजिज़े) मूसा को अता हुए थे वैसे ही इस रसूल (मोहम्मद) को क्यों नही दिए गए क्या जो मौजिज़े इससे पहले मूसा को अता हुए थे उनसे इन लोगों ने इन्कार न किया था कुफ्फ़ार तो ये भी कह गुज़रे कि ये दोनों के दोनों (तौरैत व कुरान) जादू हैं कि बाहम एक दूसरे के मददगार हो गए हैं