ترجمة سورة الأحزاب الآية 4

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

مَا جَعَلَ اللَّهُ لِرَجُلٍ مِنْ قَلْبَيْنِ فِي جَوْفِهِ ۚ وَمَا جَعَلَ أَزْوَاجَكُمُ اللَّائِي تُظَاهِرُونَ مِنْهُنَّ أُمَّهَاتِكُمْ ۚ وَمَا جَعَلَ أَدْعِيَاءَكُمْ أَبْنَاءَكُمْ ۚ ذَٰلِكُمْ قَوْلُكُمْ بِأَفْوَاهِكُمْ ۖ وَاللَّهُ يَقُولُ الْحَقَّ وَهُوَ يَهْدِي السَّبِيلَ 4

ख़ुदा ने किसी आदमी के सीने में दो दिल नहीं पैदा किये कि (एक ही वक्त दो इरादे कर सके) और न उसने तुम्हारी बीवियों को जिन से तुम जेहार करते हो तुम्हारी माएँ बना दी और न उसने तुम्हारे लिये पालकों को तुम्हारे बेटे बना दिये। ये तो फ़क़त तुम्हारी मुँह बोली बात (और ज़ुबानी जमा खर्च) है और (चाहे किसी को बुरी लगे या अच्छी) खुदा तो सच्ची कहता है और सीधी राह दिखाता है।