ترجمة سورة فاطر الآية 43

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

اسْتِكْبَارًا فِي الْأَرْضِ وَمَكْرَ السَّيِّئِ ۚ وَلَا يَحِيقُ الْمَكْرُ السَّيِّئُ إِلَّا بِأَهْلِهِ ۚ فَهَلْ يَنْظُرُونَ إِلَّا سُنَّتَ الْأَوَّلِينَ ۚ فَلَنْ تَجِدَ لِسُنَّتِ اللَّهِ تَبْدِيلًا ۖ وَلَنْ تَجِدَ لِسُنَّتِ اللَّهِ تَحْوِيلًا 43

(उसके आने से) उनकी नफरत को तरक्की ही होती गयी और बुदी तद्बीर (की बुराई) तो बुरी तद्बीर करने वाले ही पर पड़ती है तो (हो न हो) ये लोग बस अगले ही लोगों के बरताव के मुन्तज़िर हैं तो (बेहतर) तुम खुदा के दसतूर में कभी तब्दीली न पाओगे और खुदा की आदत में हरगिज़ कोई तग़य्युर न पाओगे