ترجمة سورة النساء الآية 18

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَلَيْسَتِ التَّوْبَةُ لِلَّذِينَ يَعْمَلُونَ السَّيِّئَاتِ حَتَّىٰ إِذَا حَضَرَ أَحَدَهُمُ الْمَوْتُ قَالَ إِنِّي تُبْتُ الْآنَ وَلَا الَّذِينَ يَمُوتُونَ وَهُمْ كُفَّارٌ ۚ أُولَٰئِكَ أَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابًا أَلِيمًا 18

और तौबा उन लोगों के लिये (मुफ़ीद) नहीं है जो (उम्र भर) तो बुरे काम करते रहे यहॉ तक कि जब उनमें से किसी के सर पर मौत आ खड़ी हुई तो कहने लगे अब मैंने तौबा की और (इसी तरह) उन लोगों के लिए (भी तौबा) मुफ़ीद नहीं है जो कुफ़्र ही की हालत में मर गये ऐसे ही लोगों के वास्ते हमने दर्दनाक अज़ाब तैयार कर रखा है