ترجمة سورة النساء الآية 20

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَإِنْ أَرَدْتُمُ اسْتِبْدَالَ زَوْجٍ مَكَانَ زَوْجٍ وَآتَيْتُمْ إِحْدَاهُنَّ قِنْطَارًا فَلَا تَأْخُذُوا مِنْهُ شَيْئًا ۚ أَتَأْخُذُونَهُ بُهْتَانًا وَإِثْمًا مُبِينًا 20

और अगर तुम एक बीवी (को तलाक़ देकर उस) की जगह दूसरी बीवी (निकाह करके) तबदील करना चाहो तो अगरचे तुम उनमें से एक को (जिसे तलाक़ देना चाहते हो) बहुत सा माल दे चुके हो तो तुम उनमें से कुछ (वापस न लो) क्या तुम्हारी यही गैरत है कि (ख्वाह मा ख्वाह) बोहतान बॉधकर या सरीही जुर्म लगाकर वापस ले लो