ترجمة سورة النساء الآية 62

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

فَكَيْفَ إِذَا أَصَابَتْهُمْ مُصِيبَةٌ بِمَا قَدَّمَتْ أَيْدِيهِمْ ثُمَّ جَاءُوكَ يَحْلِفُونَ بِاللَّهِ إِنْ أَرَدْنَا إِلَّا إِحْسَانًا وَتَوْفِيقًا 62

कि जब उनपर उनके करतूत की वजह से कोई मुसीबत पड़ती है तो क्योंकर तुम्हारे पास ख़ुदा की क़समें खाते हैं कि हमारा मतलब नेकी और मेल मिलाप के सिवा कुछ न था ये वह लोग हैं कि कुछ ख़ुदा ही उनके दिल की हालत ख़ूब जानता है