ترجمة سورة النساء الآية 84

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

فَقَاتِلْ فِي سَبِيلِ اللَّهِ لَا تُكَلَّفُ إِلَّا نَفْسَكَ ۚ وَحَرِّضِ الْمُؤْمِنِينَ ۖ عَسَى اللَّهُ أَنْ يَكُفَّ بَأْسَ الَّذِينَ كَفَرُوا ۚ وَاللَّهُ أَشَدُّ بَأْسًا وَأَشَدُّ تَنْكِيلًا 84

पस (ऐ रसूल) तुम ख़ुदा की राह में जिहाद करो और तुम अपनी ज़ात के सिवा किसी और के ज़िम्मेदार नहीं हो और ईमानदारों को (जेहाद की) तरग़ीब दो और अनक़रीब ख़ुदा काफ़िरों की हैबत रोक देगा और ख़ुदा की हैबत सबसे ज्यादा है और उसकी सज़ा बहुत सख्त है