ترجمة سورة الشورى الآية 5

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

تَكَادُ السَّمَاوَاتُ يَتَفَطَّرْنَ مِنْ فَوْقِهِنَّ ۚ وَالْمَلَائِكَةُ يُسَبِّحُونَ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَيَسْتَغْفِرُونَ لِمَنْ فِي الْأَرْضِ ۗ أَلَا إِنَّ اللَّهَ هُوَ الْغَفُورُ الرَّحِيمُ 5

(उनकी बातों से) क़रीब है कि सारे आसमान (उसकी हैबत के मारे) अपने ऊपर वार से फट पड़े और फ़रिश्ते तो अपने परवरदिगार की तारीफ़ के साथ तसबीह करते हैं और जो लोग ज़मीन में हैं उनके लिए (गुनाहों की) माफी माँगा करते हैं सुन रखो कि ख़ुदा ही यक़ीनन बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है