ترجمة سورة المائدة الآية 18

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَقَالَتِ الْيَهُودُ وَالنَّصَارَىٰ نَحْنُ أَبْنَاءُ اللَّهِ وَأَحِبَّاؤُهُ ۚ قُلْ فَلِمَ يُعَذِّبُكُمْ بِذُنُوبِكُمْ ۖ بَلْ أَنْتُمْ بَشَرٌ مِمَّنْ خَلَقَ ۚ يَغْفِرُ لِمَنْ يَشَاءُ وَيُعَذِّبُ مَنْ يَشَاءُ ۚ وَلِلَّهِ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا ۖ وَإِلَيْهِ الْمَصِيرُ 18

और नसरानी और यहूदी तो कहते हैं कि हम ही ख़ुदा के बेटे और उसके चहेते हैं (ऐ रसूल) उनसे तुम कह दो (कि अगर ऐसा है) तो फिर तुम्हें तुम्हारे गुनाहों की सज़ा क्यों देता है (तुम्हारा ख्याल लग़ो है) बल्कि तुम भी उसकी मख़लूक़ात से एक बशर हो ख़ुदा जिसे चाहेगा बख़ देगा और जिसको चाहेगा सज़ा देगा आसमान और ज़मीन और जो कुछ उन दोनों के दरमियान में है सब ख़ुदा ही का मुल्क है और सबको उसी की तरफ़ लौट कर जाना है