ترجمة سورة المائدة الآية 52

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

فَتَرَى الَّذِينَ فِي قُلُوبِهِمْ مَرَضٌ يُسَارِعُونَ فِيهِمْ يَقُولُونَ نَخْشَىٰ أَنْ تُصِيبَنَا دَائِرَةٌ ۚ فَعَسَى اللَّهُ أَنْ يَأْتِيَ بِالْفَتْحِ أَوْ أَمْرٍ مِنْ عِنْدِهِ فَيُصْبِحُوا عَلَىٰ مَا أَسَرُّوا فِي أَنْفُسِهِمْ نَادِمِينَ 52

तो (ऐ रसूल) जिन लोगों के दिलों में (नेफ़ाक़ की) बीमारी है तुम उन्हें देखोगे कि उनमें दौड़ दौड़ के मिले जाते हैं और तुमसे उसकी वजह यह बयान करते हैं कि हम तो इससे डरते हैं कि कहीं ऐसा न हो उनके न (मिलने से) ज़माने की गर्दिश में न मुब्तिला हो जाएं तो अनक़रीब ही ख़ुदा (मुसलमानों की) फ़तेह या कोई और बात अपनी तरफ़ से ज़ाहिर कर देगा तब यह लोग इस बदगुमानी पर जो अपने जी में छिपाते थे शर्माएंगे (