ترجمة سورة الأنعام الآية 28

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

بَلْ بَدَا لَهُمْ مَا كَانُوا يُخْفُونَ مِنْ قَبْلُ ۖ وَلَوْ رُدُّوا لَعَادُوا لِمَا نُهُوا عَنْهُ وَإِنَّهُمْ لَكَاذِبُونَ 28

बल्कि जो (बेईमानी) पहले से छिपाते थे आज (उसकी हक़ीक़त) उन पर खुल गयी और (हम जानते हैं कि) अगर ये लोग (दुनिया में) लौटा भी दिए जाएं तो भी जिस चीज़ की मनाही की गयी है उसे करें और ज़रुर करें और इसमें शक़ नहीं कि ये लोग ज़रुर झूठे हैं