ترجمة سورة الأنعام الآية 37

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَقَالُوا لَوْلَا نُزِّلَ عَلَيْهِ آيَةٌ مِنْ رَبِّهِ ۚ قُلْ إِنَّ اللَّهَ قَادِرٌ عَلَىٰ أَنْ يُنَزِّلَ آيَةً وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَهُمْ لَا يَعْلَمُونَ 37

और कुफ्फ़ार कहते हैं कि (आख़िर) उस नबी पर उसके परवरदिगार की तरफ से कोई मौजिज़ा क्यों नहीं नाज़िल होता तो तुम (उनसे) कह दो कि ख़ुदा मौजिज़े के नाज़िल करने पर ज़रुर क़ादिर है मगर उनमें के अक्सर लोग (ख़ुदा की मसलहतों को) नहीं जानते