فَلَنَقُصَّنَّ عَلَيْهِمْ بِعِلْمٍ ۖ وَمَا كُنَّا غَائِبِينَ 7
फिर हम उनसे हक़ीक़त हाल ख़ूब समझ बूझ के (ज़रा ज़रा) दोहराएगें