ترجمة سورة الزلزلة

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

إِذَا زُلْزِلَتِ الْأَرْضُ زِلْزَالَهَا 1

जब ज़मीन बड़े ज़ोरों के साथ ज़लज़ले में आ जाएगी

وَأَخْرَجَتِ الْأَرْضُ أَثْقَالَهَا 2

और ज़मीन अपने अन्दर के बोझे (मादनयात मुर्दे वग़ैरह) निकाल डालेगी

وَقَالَ الْإِنْسَانُ مَا لَهَا 3

और एक इन्सान कहेगा कि उसको क्या हो गया है

يَوْمَئِذٍ تُحَدِّثُ أَخْبَارَهَا 4

उस रोज़ वह अपने सब हालात बयान कर देगी

بِأَنَّ رَبَّكَ أَوْحَىٰ لَهَا 5

क्योंकि तुम्हारे परवरदिगार ने उसको हुक्म दिया होगा

يَوْمَئِذٍ يَصْدُرُ النَّاسُ أَشْتَاتًا لِيُرَوْا أَعْمَالَهُمْ 6

उस दिन लोग गिरोह गिरोह (अपनी कब्रों से) निकलेंगे ताकि अपने आमाल को देखे

فَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ 7

तो जिस शख्स ने ज़र्रा बराबर नेकी की वह उसे देख लेगा

وَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ 8

और जिस शख्स ने ज़र्रा बराबर बदी की है तो उसे देख लेगा