ترجمة سورة الفلق

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ 1

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की

مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ 2

हर चीज़ की बुराई से जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ

وَمِنْ شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ 3

और अंधेरीरात की बुराई से जब उसका अंधेरा छा जाए

وَمِنْ شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ 4

और गन्डों पर फूँकने वालियों की बुराई से

وَمِنْ شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ 5

(जब फूँके) और हसद करने वाले की बुराई से