ترجمة سورة النساء الآية 78

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

أَيْنَمَا تَكُونُوا يُدْرِكْكُمُ الْمَوْتُ وَلَوْ كُنْتُمْ فِي بُرُوجٍ مُشَيَّدَةٍ ۗ وَإِنْ تُصِبْهُمْ حَسَنَةٌ يَقُولُوا هَٰذِهِ مِنْ عِنْدِ اللَّهِ ۖ وَإِنْ تُصِبْهُمْ سَيِّئَةٌ يَقُولُوا هَٰذِهِ مِنْ عِنْدِكَ ۚ قُلْ كُلٌّ مِنْ عِنْدِ اللَّهِ ۖ فَمَالِ هَٰؤُلَاءِ الْقَوْمِ لَا يَكَادُونَ يَفْقَهُونَ حَدِيثًا 78

और वहां रेशा (बाल) बराबर भी तुम लोगों पर जुल्म नहीं किया जाएगा तुम चाहे जहॉ हो मौत तो तुमको ले डालेगी अगरचे तुम कैसे ही मज़बूत पक्के गुम्बदों में जा छुपो और उनको अगर कोई भलाई पहुंचती है तो कहने लगते हैं कि ये ख़ुदा की तरफ़ से है और अगर उनको कोई तकलीफ़ पहुंचती है तो (शरारत से) कहने लगते हैं कि (ऐ रसूल) ये तुम्हारी बदौलत है (ऐ रसूल) तुम कह दो कि सब ख़ुदा की तरफ़ से है पस उन लोगों को क्या हो गया है कि र्कोई बात ही नहीं समझते