ترجمة سورة النساء الآية 79

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

مَا أَصَابَكَ مِنْ حَسَنَةٍ فَمِنَ اللَّهِ ۖ وَمَا أَصَابَكَ مِنْ سَيِّئَةٍ فَمِنْ نَفْسِكَ ۚ وَأَرْسَلْنَاكَ لِلنَّاسِ رَسُولًا ۚ وَكَفَىٰ بِاللَّهِ شَهِيدًا 79

हालॉकि (सच तो यूं है कि) जब तुमको कोई फ़ायदा पहुंचे तो (समझो कि) ख़ुदा की तरफ़ से है और जब तुमको कोई फ़ायदा पहुंचे तो (समझो कि) ख़ुद तुम्हारी बदौलत है और (ऐ रसूल) हमने तुमको लोगों के पास पैग़म्बर बनाकर भेजा है और (इसके लिए) ख़ुदा की गवाही काफ़ी है